Property Registry 2025: रजिस्ट्री के बाद ये काम न करें तो हाथ से निकल जाएगी प्रॉपर्टी

प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना आज के जमाने में सबसे बड़ा सौदा माना जाता है। रजिस्ट्रेशन करवाना संपत्ति मालिकाना हक साबित करने का सबसे अहम तरीका है। लेकिन अब सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से जुड़ी प्रक्रियाओं को और भी सख्त कर दिया है। अगर रजिस्ट्री के बाद जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो आपकी संपत्ति पर अधिकार खतरे में पड़ सकता है या प्रॉपर्टी का नुकसान हो सकता है।

1 जुलाई 2025 से लागू हुए नए नियम के तहत रजिस्ट्री के बाद आधार बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन, डिजिटल दस्तावेजों का सही अपलोड और ऑनलाइन भुगतान को अनिवार्य किया गया है। केवल रजिस्ट्री का होना ही संपत्ति की पूरी कानूनी सुरक्षा का प्रमाण नहीं होगा। कई मालिकों ने यह समझा कि रजिस्ट्री हो गई तो उनकी प्रॉपर्टी सुरक्षित है, लेकिन नई व्यवस्था में रजिस्ट्री के साथ-साथ डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन, पहचान पुष्टि, और लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड बनाए रखना जरूरी हो गया है।

नया क्या है रजिस्ट्री प्रक्रिया में?

पहले प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑफलाइन या आंशिक डिजिटल होती थी, लेकिन अब 2025 के शुरू से पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। इसके लिए चार अहम नए नियम लागू किए गए हैं:

  • आधार बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन: प्रॉपर्टी के खरीदार और विक्रेता दोनों को अपनी पहचान आधार के साथ फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन से साबित करनी होगी।
  • डिजिटल दस्तावेज अपलोड: अब हर जरूरी कागज जैसे बिक्री समझौता, स्टांप पेपर, और अन्य प्रमाणपत्र सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
  • ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य: टोकन फीस से लेकर स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान नकद नहीं, बल्कि ऑनलाइन ही करना होगा। इससे भ्रष्टाचार और काले धन से बचा जा सकेगा।
  • डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी: रजिस्ट्री हो जाने के बाद कागजी कॉपी की बजाय डिजिटल कॉपी जारी की जाएगी जो हमेशा डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध रहेगी और कानूनी तौर पर मान्य होगी।

इन नियमों के बाद फर्जी दस्तावेजों, धोखाधड़ी और जमीन हड़पने की घटनाओं में काफी कमी आएगी।

रजिस्ट्री के बाद क्या करना जरूरी है?

नई व्यवस्था के तहत सिर्फ रजिस्ट्री करा लेना पर्याप्त नहीं होगा। प्रॉपर्टी के मालिक या खरीदारों को ये कदम भी उठाने होंगे:

  • आधार बायोमेट्रिक अपडेट करवाना: यदि आपने अब तक अपनी रजिस्ट्री से आधार लिंक नहीं कराया, तो तुरंत करवाएं।
  • डिजिटल दस्तावेज़ों का सत्यापन: विक्रेता और खरीदार दोनों को अपने दस्तावेज की डिजिटल कॉपी की जांच और पुष्टि करनी होगी।
  • ऑनलाइन भुगतान रसीदें संभालना: प्रॉपर्टी के सौदे में किए गए सभी ऑनलाइन भुगतानों की रसीद संभालें।
  • डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी डाउनलोड करके सुरक्षित रखना: भविष्य में कानूनी विवाद से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

अगर ये काम समय पर नहीं किए गए तो संपत्ति की कानूनी वैधता पर सवाल उठ सकते हैं और प्रॉपर्टी संबंधित अन्य आर्थिक गतिविधियों में दिक्कतें आ सकती हैं।

क्यों जरूरी है यह कड़ा नियम?

सरकार की इस नई नीति का मकसद है जमीन व संपत्ति के मामलों में पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जीवाड़े को पूरी तरह खत्म करना। अनेक मामलों में फर्जी दस्तावेज दिखाकर जमीन हड़पने या बेचा जाने का अभूतपूर्व चल रहा था।

नई डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से हर प्रॉपर्टी डेटा और लेन-देन का रिकॉर्ड खजाने में सुरक्षित रहेगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से भ्रष्टाचार खत्म होगा और आम नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

अगर आपने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाई है तो नए नियमों के तहत आधार बायोमेट्रिक सत्यापन, डिजिटल दस्तावेजों की पुष्टि और ऑनलाइन भुगतान की पूरी प्रक्रिया जरूर पूरी करें। नहीं तो आपकी संपत्ति पर खतरा मंडरा सकता है। सरकार द्वारा लागू ये नए नियम रजिस्ट्री को पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए किए गए हैं। फिलहाल केवल रजिस्ट्री ही नहीं, रजिस्ट्रेशन के बाद की कार्रवाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

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